1.गुफ़तारे मुसह्हे- (इस्लाह करनेवाले का कलाम उनकी बातें)
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2.किताब और उसके मौज़ू की अहमीयत.
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3.किताब के बुनयादी खत्ती नुस्खे.
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4.और لاَ إِلٰهَ إِلَّا اللهُ कहने का सवाब.
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5.और لَا اِلٰهَ إِلَّا اللهُ सौ बार कहने का सवाब.
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6.और لاَ اِلٰهَ إِلَّا اللهُ وَحْدَهُ, وَحْدَهُ, وَحْدَهُ कहने का सवाब.
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7.ख़ुलूस से لَا اِلٰهَ إِلَّا اللهُ कहने का सवाब
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8.बुलंद आवाज़ से لَا اِلٰهَ إِلَّا اللهُ कहने का सवाब.
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9.और لَا إِ لٰهَ إِلَّا اللهُ को शराऐत के साथ कहने का सवाब.
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10.और لَا اِلٰهَ إِلَّا اللهُ की मकबूल गवाही का सवाब.
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11.सौ बार لَا اِلٰهَ إِلاَّ اللهُ الْمَلِكُ الْحَقُّ الْمُبِيْنُ कहने का सवाब
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12.बगैर तकब्बुर (गुरूर) के لَا اِلٰهَ إِلَّا اللهُ कहने का सवाब.
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13.रोज़ाना اَشْهَدُأنْ لَّا اِلٰهَ إِلَّا اللهُ وَ حْدَهُ لَا شَرِيْكَ لَهُ कहने का सवाब
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14.रोज़ाना तीस (30) बार لَا اِلٰهَ إِلَّا اللهُ الْحَقُّ الْمُبِيْنُकहने का सवाब.
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15.और سُبْحَا نَ اللهِ وَ الْحَمْدُ لِلهِ وَ لَا اِلٰهَ إِلَّا اللهُ وَ اللهُ أَكْبَرُ ज़्यादा से ज़्यादा पढ़ने का सवाब.
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16.रोजाना पंदरा दफा لَا اِلٰهَ إِلَّا اللهُ حَقًّا حَقًّا لَا اِلٰهَ إِلَّا اللهُ إِ يْمَا نًا تَصْدِيْقاً لَا إِلٰهَ إِلَّا اللهُ عُبُوْدِ يَّةً وَرِقاً कहने का सवाब
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17.दुआ को مَا شَاءَ اللهُ لَا حَوْلَ وَ لَا قُوَّةَ اِلَّابِا اللهِपर खत्म करने का सवाब
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18.रोज़ाना (70) बारاَلْحَمْدُ لِلهِ عَليٰ كُلِّ نِعْمَةٍ कहने का सवाब.
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19.और لَا اِلٰهَ إِلَّا اللهُ وَ مُحَمَّدٌ رَّسُوْلُ اللهِ की गवाही देने का सवाब.
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20.सौ (100) बार अल्लाह की बलन्दी, अल्लाह की पाकीज़गी, अल्लाह की हम्द और لَا اِلٰهَ إِلَّا اللهُ पढ़ने का सवाब.
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21.और سُبْحَانَ اللهِ وَ الْحَمْدُ لِلهِ وَ لَا اِلٰهَ إِلَّا اللهُ وَ اللهُ أَكْبَرُ कहने का सवाब.
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22.और سُبْحَانَ اللهِ وَ بِحَمْدِهِ سُبْحَانَ اللهِ الْعَظِيْمِ وَ بِحَمْدِهِ कहने का सवाब.
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23.बगैर तकब्बुर व गुरूर और खुदपसंदी के سُبْحَانَ اللهِ कहने का सवाब
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24.सौ (100) बार سُبْحَانَ اللهِ कहने का सवाब
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25.और اَلْحَمْدُ لِلهِ كَمَا هُوَ أَهْلُهُ कहने का सवाब.
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26.और اَلْحَمْدُ لِلهِ رَبِّ الْعَالَمِيْنَ सुबह शाम चार चार बार कहने का सवाब.
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27.और (مَجْدُ اللهِ) अल्लाह तआला की बुज़ुर्गी ब्यान करने का सवाब.
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28.उस अंदाज़ से खुदा की अज़मत ब्यान करने का सवाब, जिस अन्दाज़ से खुद खुदा ने अपनी अज़मत ब्यान की है.
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29.आकिल का सवाब.
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30.दस (10) आदतें रखने वाले को सवाब.
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31.अल्लाह की रुबूबियत, मोहम्मद (स.अ.व.) की नबूवत, और अली (अ.स.) की इमामत का इकरार करने, और अल्लाह की जानिब से वाजिब अहकाम को बजालाने का सवाब.
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32.बैतुल खला (वाश रूम) में दाखिल होते हुवे बिस्मिल्लाह कहने का सवाब.
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33.वज़ू करते वक्त अल्लाह तआला का ज़िक्र करने का सवाब.
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34.अमीरुल मोमेनीन अली इब्ने अबी तालिब (अ.स.) की तरह वज़ू करने और पढ़ने का सवाब.
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35.वज़ू पोंछने और न पोंछने का सवाब.
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36.मगरिब और सुबह के वक्त वज़ू करने का सवाब.
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37.वज़ू करते वक्त आँखें खुली रखने का सवाब.
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38.तज्दीदे वज़ू (यानी वज़ू पर वज़ू करने) का सवाब.
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39.मिस्वाक करने का सवाब.
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40.मस्जिद की ताजीम करते हुवे थूक निगल जाने का सवाब.
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41.सोने से पहले तहारत करने का सवाब.
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42.ज़्यादा कुल्ली करने और नाक में ज़्यादा पानी डालने का सवाब.
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43.लिबास के साथ हम्माम में जाने का सवाब.
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44.किसी दूसरे की शर्मगाह की तरफ़ देखने से आँख को बचाने का सवाब.
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45.सर को खतमी (एक जड़ी बूटी है) से धोने का सवाब.
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46.बैरी के पत्तों से सर धोनें का सवाब.
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47.खिजाब लगाने का सवाब.
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48.नूरा के इस्तेमाल का सवाब.
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49.सर में कंघा करने का सवाब.
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50.दाढी को सत्तर (70) मरतबा कंघा करने का सवाब.
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51.सुरमा लगाने का सवाब.
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52.बालों को बांधने का सवाब.
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53.नाख़ून और मोंछें काटने का सवाब.
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54.सफ़ेद जूते पहनने का सवाब.
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55.ज़र्द रंग के जूते पहनने का सवाब.
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56.मोज़े पहनने का सवाब.
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57.नऐ कपडे को (सिलाई के लिये) कटते वक्त सूरऐ इन्ना अन्ज़लना पढ़ने का सवाब.
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58.आईना की तरफ ज़्यादा निगाह करना और उस वक्त अल्लाह तआला की ज़्यादा हम्द करने का सवाब.
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59.यहूदी, नसरानी, मजूसी, (मुसलमान के अलावा) को देखते वक्त यह इबारत कहने का सवाब.
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60.कामिल वज़ू, बेहतरीन नमाज़, ज़कात की अदाऐगी, गुस्से और ज़ुबान पर काबू, गुनाहों से अस्ताग्फार, करने और अहलेबैत (अ.मु.स.) के अहकामात पर अमल करने, का सवाब.
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61.और رَ ضِيْتُ بِا للهِ رَ بًّا، وَ بِالْاِسْلاَمِ دِيْنًا،وَبِحَمْدِ اِلٰهُ رَسُوْلِهِ وَ بِاَ هْلِ بَيْتِهِ اَوْلِيَاءَ कहने का सवाब.
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62.दिन रात दुआ करने का सवाब.
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63.मसाजिद में आने का सवाब.
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64.मसाजिद में मुसलसल जाने का सवाब.
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65.मसाजिद की तरफ क़दम बढाने का सवाब.
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66.जिसका कलाम कुरान और घर मस्जिद हो उस्का सवाब.
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67.वज़ू करके मस्जिद में आने का सवाब.
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68.पांचो वक्त की नमाजों को उन्के अवकात में क़ाऐम करने और अन्जाम देने का सवाब.
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69.नाफेला नमाजों का सवाब.
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70.किसी भी मस्जिद में चेराग रौशन करने का सवाब.
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71.अल्लाह तआला की अज़मत की वजह से नमाज़ में थूक रोक लेने का सवाब.
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72.मस्जिद अल हराम में नमाज़ पढ़ने का सवाब.
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73.मस्जिदे नबवी में नमाज़ पढ़ने का सवाब.
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74.मस्जिद अल हराम और मस्जिदे रसूल (स.अ.व.) के दरमियान नमाज़ पढ़ने का सवाब.
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75.मस्जिदे कूफा में नमाज़ पढ़ने का सवाब.
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76.बैतुल मक्दिस, मस्जिदे आज़म, कबीले की मस्जिद, और बाज़ार की मस्जिद, में नमाज़ पढ़ने का सवाब.
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77.मस्जिद में झाड़ू लगाने का सवाब.
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78.अज़ान देने का सवाब.
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79.सात साल तक मुसलसल अज़ान देने का सवाब.
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80.किसी शहर में एक साल तक अज़ान देने का सवाब.
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81.अज़ान के अलफ़ाज़ दुहराने वाले का सवाब.
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82.दस साल तक मुसलसल अज़ान देने का सवाब.
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83.अज़ान और अकामत के दरमियान मोवज्जिन केलिये सवाब.
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84.अज़ान और अकामत के साथ नमाज़ पढ़ने का सवाब.
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85.अपनी खुशी से हर रेकात में सूरऐ तौहीद, सूरऐ कद्र, और आयतल्कुर्सी पढ़ने का सवाब.
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86.कुनूत का सवाब.
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87.मुकम्मल रुकू करने का सवाब.
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88.मुकम्मल सजदा करने का सवाब.
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89.सजदे में दोनों हथेलियों को ज़मीन से लगाने का सवाब.
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90.तवील (लंम्बे) सजदे का सवाब.
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91.रुकू, सजदे, और कयाम, में दुरूद पढ़ने का सवाब.
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92.सजदऐ शुक्र करने का सवाब.
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93.नमाज़ पढ़ने का सवाब.
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94.अव्वले वक्त में नमाज़े फज्र पढ़ने का सवाब.
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95.अव्वले वक्त की फजीलत आखरी वक्त पर.
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96.वाजिब नमाजों को अव्वले वक्त में पढ़ने का सवाब.
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97.सफर में नमाज़ को कस्र करने का सवाब.
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98.मुसाफिर के लिये जुमआ का सवाब.
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99.जमाअत का सवाब.
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100.नमाज़ के लिये खड़े होने का सवाब.
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101.जुमआ के दिन नमाज़े अस्र के बाद नबी (स.अ.व.) और आले नबी (अ.मु.स.) पर दुरूद पढ़ने का सवाब.
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102.नमाजे जुमआ के बाद अलहम्द, सात मर्तबा सूरऐ तौहीद, मऊज़तैन, आयतलकुर्सी, पढ़ने का सवाब.
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103.उसी माना में एक और सवाब.
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104.नमाज़ और कुरान की तालीम केलिये क़दम बढाने का सवाब.
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105.अल्लाह तआला से मुलाक़ात तक गुनाहों से बचते रहने, उस्के सवाब की उमीद रखने और आले मोहम्मद (अ.मु.स.) कि विलायत को तसलीम करने का सवाब.
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106.मुस्तहब दो रकात नमाज़ एक दिरहम मुस्तहब सदका और एक दिन का मुस्तहब रोज़ा रखने का सवाब.
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107.तमाम महीनों के जुमओं पर माहे रमज़ान के जुमआ की फ़जीलत.
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108.इत्र लगा कर नमाज़ पढ़ने की फ़जीलत.
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109.शादी शुदा शख्स की नमाज़ की फ़जीलत.
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110.हर रेकात में (50) पचास दफा सूरऐ तौहीद के साथ चार रेकात पढ़ने का सवाब.
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111.नमाज़े जाफ़रे तय्यार पढ़ने का सवाब
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112.नमाज़े शब पढ़ने का सवाब
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113.रात को तिलावते कुरान का सवाब
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114.समझ कर दो रेकात पढने का सवाब
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115.गौर व फ़िक्र के साथ मुख़्तसर दो रेकात नमाज़ पढ़ने का सवाब.
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116.गफलत के वक्त में नाफिला नमाज़ पढनें का सवाब.
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117.दो जुमओं के दरमियान पांच सौ (500) रेकात पढ़ने का सवाब.
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118.नमाज़े फज्र के बाद ग्यारा दफा सूरऐ तौहीद पढ़ने का सवाब.
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119.ताकीबात का सवाब.
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120.ज़कात निकालने और उस्को सही मुकाम पर पहुँचाने का सवाब.
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121.हज और उमरा का सवाब.
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122.हाजी से मुलाक़ात के मौके पर मुसाफेहा करने का सवाब.
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123.कम पाई जाने वाली रवायत.
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124.रोजेदार का सवाब.
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125.रोज़े दार को जब कोई गाली दे तो उस्के जवाब में (रोज़े दार यह जवाब दे) मैं रोजेदार हूँ, तुम पर सलाम हो कहने का सवाब.
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126.राहे खुदा में एकदिन रोजा रखने का सवाब.
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127.उस शख्स का सवाब जो गरमी में रोजा रख्खे और उस्के नतीजे में उसे सख्त प्यास लगे.
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128.मुस्तहब रोजा रखने का सवाब.
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129.एक रोजा मुकम्मल करने का सवाब.
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130.रोज़े की हालत में दिन के आगाज़ में खुशबू लगाने का सवाब.
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131.लोग खाना खा रहे हों और रोजेदार रोज़े की हालत में हो ऐसे रोजेदार का सवाब.
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132.माहे रजब के रोज़े का सवाब.
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133.माहे शाबान के रोज़ो का सवाब.
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134.माहे रमजान की फजीलत और उस्के रोज़े का सवाब.
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135.जिल्हिज्जा के अशरे में पढ़ी जाने वाली दुआ का सवाब.
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136.ज़िल्हिज्जा के दस दिनों के रोज़ो का सवाब.
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137.गदीर के दिन के रोज़े का सवाब.
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138.शबे ईद के मुस्तहब नमाज़ का सवाब.
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139.शबे ईद बेदार रहने का सवाब.
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140.माहे रमजान के रोज़े रखने, सदक़ा देकर खत्म करने, और सुबह गुस्ल करके नमाज़ केलिये जाने का सवाब.
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141.ईद के दिन इमाम की नमाज़ के बाद चार रकात नमाज़ पढ़ने का सवाब.
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142.पचीस (25) जीक़ादा के रोज़े का सवाब.
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143.पानी से अफ्तार करने का सवाब.
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144.महीनें में तीन रोज़े का सवाब पहली जुमेरात, दरमियानी बुध, और आख़री जुमेरात.
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145.जो शख्स कमजोरी की वजह से हर महीने तीन रोज़ा न रख सके उस्के लिये हर रोजा के बदले एक दिरहम सदक़ा देने का सवाब.
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146.अपने मोमिन भाई के घर अफ्तार करने का सवाब.
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147.नबी (स.अ.व.), अमीरुल मोमेनीन (अ.स.), इमामे हसन (अ.स.) इमामे हुसैन (अ.स.) और अइम्मा ताहेरीन (अ.मु.स.) की ज्यारत का सवाब.
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148.इमामे हुसैन (अ.स.) के क़त्ल और अहलेबैत (अ.मु.स.) की मुसीबतों पर रोने का सवाब.
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149.इमाम हुसैन (अ.स.) की याद में शेर पढ़कर खुद रोने, दूसरों को रुलाने, और रोने जैसी शक्ल बनाने का सवाब.
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150.कब्रे इमामे हुसैन (अ.स.) की ज्यारत का सवाब.
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151.अइम्मा (अ.मु.स.) की कब्रों की ज्यारत का सवाब.
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152.कुम में फातिमा बिनते मूसा बिन जाफर (अ.मु.स.) की कब्र की ज्यारत का सवाब.
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153.रय में अब्दुल अजीम हसनी के ज्यारत का सवाब.
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154.अहलेबैत (अ.मु.स.) से नेकी न कर सके तो उन्के सालेह, नेक मवाली, से नेकी करने का सवाब. अहलेबैत (अ.मु.स.) की ज्यारत न कर सके, तो उन्के सालेह मवाली की ज्यारत करने का सवाब.
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155.इमाम (अ.स.) के साथ नेकी करने का सवाब.
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156.अहले कुरान का सवाब.
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157.मक्का में खत्मे कुरान का सवाब.
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158.कुरान जिसके ऊपर सख्त हो और जिसके ऊपर खुशी का बाईस हो, उस्का सवाब.
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159.मोमिन का जवानी के आलम में तिलावते कुरान का सवाब.
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160.नमाज़ की हालत में बैठे हुवे और नमाज़ के अलावा तेलावते कुरान का सवाब.
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161.सौ (100) से पांच सौ (500) आयात की तेलावत के साथ नमाज़ पढ़ने का सवाब
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162.कुरान को हिफ्ज करने और उसपर अमल करने का सवाब.
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163.हिफ्ज करने के लिये कुरान की मश्क करने और सोने से पहले सूरे की तिलावत का सवाब.
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164.अल हाल अल मुर्तहिल का सवाब.
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165.कुरान की तिलावत करने वाले का सवाब.
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166.कुरान की तरफ निगाह करते हुवे तिलावत का सवाब.
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167.घर में कुरान रखने का सवाब.
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168.रात में दस से हज़ार आयात की तिलावत का सवाब.
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169.कुरान के मौसमे बहार के सवाब.
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170.(100) सौ कुरानी आयात की तिलावत और उस्के बाद सात दफा या अल्लाह कहने का सवाब.
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171.सूरऐ फातेहा की तिलावत का सवाब.
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172.सूरऐ बकरा और सूरऐ आले इमरान की तिलावत का सवाब.
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173.सूरऐ बकरा की शुरू की चार आयात, आयतल कुर्सी, उस्के बाद की दो आयात, और आख़री की तीन आयात, पढ़ने का सवाब.
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174.सोते वक्त और हर नमाज़ के बाद आयतल कुर्सी की तिलावत का सवाब.
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175.हर जुमआ को सूरऐ निसा पढ़ने का सवाब.
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176.सूरऐ माऐदा पढ़ने का सवाब.
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177.सूरऐ अनआम पढ़ने का सवाब.
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178.हर महीने सूरऐ आराफ पढ़ने का सवाब.
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179.सूरऐ अनफाल और सूरऐ तौबा पढ़ने का सवाब.
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180.सूरऐ यूनुस पढ़ने का सवाब.
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181.सूरऐ हूद पढ़ने का सवाब.
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182.सूरऐ यूसुफ़ पढ़ने का सवाब.
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183.सूरऐ राद के पढ़ने का सवाब.
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184.सूरऐ इब्राहीम और हिज्र पढ़ने का सवाब.
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185.सूरऐ नहल पढ़ने का सवाब.
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186.सूरऐ बनी इस्राईल पढ़ने का सवाब.
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187.सूरऐ कहफ़ पढ़ने का सवाब.
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188.सूरऐ मरयम पढ़ने का सवाब.
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189.सूरऐ ताहा पढ़ने का सवाब.
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190.सूरऐ अंबिया पढ़ने का सवाब.
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191.सूरऐ हज पढ़ने का सवाब.
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192.सूरऐ मोमेनून पढ़ने का सवाब.
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193.सूरऐ नूर पढ़ने का सवाब.
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194.सूरऐ फुरकान पढ़ने का सवाब.
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195.सूरऐ त्वासीनुस्सलासा (शोअरा, नम्ल और केसस) पढ़ने का सवाब.
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196.सूरऐ अनकबूत और सूरऐ रूम पढ़ने का सवाब.
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197.सूरऐ लुकमान पढ़ने का सवाब.
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198.सूरऐ सजदा पढ़ने का सवाब.
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199.सूरऐ एह्ज़ाब पढ़ने का सवाब.
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200.अलहम्द से शुरू होने वाले सूरऐ सबा और सूरऐ फातिर पढ़ने का सवाब.
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201.सूरऐ यासीन पढ़ने का सवाब.
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202.सूरऐ ‘’साफ्फात’’ पढ़ने का सवाब.
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203.सूरऐ ص)) पढ़ने का सवाब.
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204.सूरऐ ‘’ज़ुमर’’ पढ़ने का सवाब.
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205.सूरऐ حم المومن) ) पढ़ने का सवाब.
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206.सूरऐ حم السجدة ‘’ पढ़ने का सवाब.
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207.सूरऐ ‘’حم عسق’’ पढ़ने का सवाब.
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208.सूरऐ ‘’ज़ुखरूफ’’ पढ़ने का सवाब.
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209.सूरऐ ‘’दुखान’’ पढ़ने का सवाब.
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210.सूरऐ ‘जासिया’ पढ़ने का सवाब.
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211.सूरऐ ‘अह्काक’ पढ़ने का सवाब.
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212.हवामीम (حم से शुरू होने वाले सूरे) पढ़ने का सवाब.
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213.सूरऐ ‘मोहम्मद’ (स.अ.व.) पढ़ने का सवाब.
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214.सूरऐ ‘फतह’ पढ़ने का सवाब.
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215.सूरऐ ‘हुजरात’ पढ़ने का सवाब.
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216.सूरऐ ق’’ पढ़ने का सवाब.
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217.सूरऐ ‘’ज़ारियात’’ पढ़ने का सवाब.
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218.सूरऐ ‘’वत्तूर’’ पढ़ने का सवाब.
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219.सूरऐ ‘’वन्नज्म’’ पढ़ने का सवाब.
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220.सूरऐ ‘’एक़तरबत’’ पढ़ने का सवाब.
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221.सूरऐ ‘’रहमान’’ पढ़ने का सवाब.
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222.सूरऐ ‘’वाकेआ’’ पढ़ने का सवाब.
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223.सूरऐ ‘’हदीद’’ और ‘’मुजादेला’’ पढ़ने का सवाब.
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224.सूरऐ ‘’हशर’’ पढ़ने का सवाब.
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225.सूरऐ ‘’मुम्तहेना’’ पढ़ने का सवाब.
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226.सूरऐ ‘’सफ’’ पढ़ने का सवाब.
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227.सूरऐ ‘’जुमआ’’ ‘’मुनाफेकींन’’ ‘’सब्बेहइसमे रब्बेकल आला’’ पढ़ने का सवाब.
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228.सूरऐ ‘’तगाबुन’’ पढ़ने का सवाब.
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229.सूरऐ ‘’तिलाक’’ और ‘’तहरीम’’ पढ़ने का सवाब.
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230.सूरऐ ‘’तबारक’’ पढ़ने का सवाब.
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231.सूरऐ ‘’नून वल्क़लम’’ पढ़ने का सवाब.
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232.सूरऐ ‘’अल हाक्क्ह’’ पढ़ने का सवाब.
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233.सूरऐ ‘’मआरिज’’ पढ़ने का सवाब.
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234.सूरऐ ‘’नूह’’ पढ़ने का सवाब.
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235.सूरऐ ‘’जिन’’ पढ़ने का सवाब.
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236.शाम के आखरी हिस्से में सूरे ‘’मुज़म्मिल’’ की तिलावत का सवाब.
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237.सूरऐ ‘’मुदस्सिर’’ पढ़ने का सवाब.
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238.सूरऐ ‘’क़यामत’’ पढ़ने का सवाब.
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239.सूरऐ ‘’इंसान’’ (सूरए दहर) की तिलावत का सवाब.
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240.सूरऐ ‘’मुर्सलात’’ और ‘’अम्मा यतसाअलूंन’’ (सूरऐ नबा) ‘’वन्नाज़ेआत’’ पढ़ने का सवाब.
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241.सूरऐ ‘’अबस’’ और ‘’इज़श्शम्स कुव्वेरत’’ पढ़ने का सवाब.
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242. إِذَا السَّمَآءُ انْفَطَرَتْ و إِذَا السَّمَآءُ انْشَقَّتْ पढ़ने का सवाब.
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243.सूरऐ ‘’متففين’’ पढ़ने का सवाब.
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244.सूरऐ ‘’البروج’’ पढ़ने का सवाब.
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245.सूरऐ ‘’तारिक़’’ पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
246.सूरऐ ‘’आला’’ पढ़ने का सवाब.
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247.सूरऐ ‘’गासिया’’ पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
248.सूरऐ ‘’फज्र’’ पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
249.सूरऐ ‘’बलद’’ पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
250.सूरऐ وَ الشَّمْسِ وَ ضُحٰهَا؛ وَ الَّيْلِ؛ وَ الضُّحٰى؛ اَلَمْ نَشْرَحْ पढ़ने का सवाब.
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251.सूरऐ ‘’वत्तींन’’ पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
252.सूरऐ ‘’إقرأ با سم ربك ‘’ पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
253.सूरऐ ‘’إنا أنزلنا ‘’ पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
254.सूरऐ لم يكن ‘’ (सूरए बय्यना) की तिलावत का सवाब.
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255.सूरऐ إذا زلزلت ‘’ की तिलावत का सवाब.
| 1 Chapters |
256.सूरऐ ‘’अल आदियात’’ की तिलावत का सवाब.
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257.सूरऐ ‘’अल्कारिअह’’ की तिलावत का सवाब.
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258.सूरऐ ‘’तकासुर’’ पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
259.सूरऐ ‘’अल अस्र’’ पढ़ने का सवाब.
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260.सूरऐ ‘’الهمزة’’ पढ़ने का फाएदा.
| 1 Chapters |
261.सूरऐ ‘’फील’’ और सूरऐ ‘’लेईलाफ’’ पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
262.सूरऐ ‘’अरअयतो’’ (सूरए माऊन) पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
263. सूरऐ ‘’अल कौसर’’ की तिलावत का सवाब.
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264.सूरए ‘’قل يا ا يها الكافرون ‘’ और सूरऐ ‘’तौहीद’’ पढ़ने का सवाब.
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265.सूरऐ ‘’अन नस्र’’ पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
266.सूरऐ ‘’तब्बत’’ पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
267.सूरऐ ‘’तौहीद’’ पढ़ने का सवाब.
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268.मऊज़तैन की तिलावत करने का सवाब.
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269.गुनाहाने कबीरा से बचने का सवाब.
| 1 Chapters |
270.गुनाह करके पलटने, तौबा करने, और गुनाह का तज़केरा होने पर, अल्लाह तआला से शर्म महसूस करने वाले का सवाब.
| 1 Chapters |
271.उस शख्स का सवाब जो कर्जदार को हाकिम के पास ले चले और उसे मालूम हो कि वह वहाँ अल्लाह तआला की क़सम खाऐगा, और वह उस कर्ज को अल्लाह अज़्ज़ व जल की अज़मत का ख़याल करते हुवे छोड़े.
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272.नेकी की तालीम देने का सवाब.
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273.तालिबे इल्म का सवाब.
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274.दीन्दारों के साथ बैठने का सवाब.
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275.जिस शख्स तक सवाब की रवायत पहुंचे और वह उस्के मुताबिक अमल करे ऐसे शख्स का सवाब.
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276.जिस शख्स का कलामे हक़ कबूल किया जाये उस्को सवाब.
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277.हिदायत के तरीके को राऐज (लागू) करने का सवाब.
| 1 Chapters |
278.इल्म के मुताबिक अमल करने का सवाब.
| 1 Chapters |
279.यतीम की परवरिश, ज़ईफ़ पर रहम, वालदैन पर शफ़कत, और गुलामों के साथ नेकी करने का सवाब.
| 1 Chapters |
280.लोगों की इज्ज़तों से अपने आप को रोके रखने और अपने गुस्से को रोकने का सवाब.
| 1 Chapters |
281.आदिल इमाम, सच्चे ताजिर, और ऐसे बूढ़े शख्स का सवाब कि जिसने अपनी उम्र अल्लाह तआला की इताअत में गुजारी हो.
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282.पुराने जारी गुनाह पर तौबा कर लेने का सवाब.
| 1 Chapters |
283.चालीस अहादीस याद करने का सवाब.
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284.गुनाहों को तर्क करने का सवाब.
| 1 Chapters |
285.मोमिन को खुश करने का सवाब.
| 1 Chapters |
286.वरअ, जोहद, और नमाज़ में, अल्लाह तआला की तरफ मुतवज्जह होने का सवाब.
| 1 Chapters |
287.मोमिन की परेशानी दूर करने, सख्ती में मुब्तेला मोमिन को खुश करने, मोमिन के ओयूब की पर्दा पोशी करने और उस्की मदद करने का सवाब.
| 1 Chapters |
288.मोमिन को खिलाने, पिलाने और कपडे पहनाने का सवाब.
| 1 Chapters |
289.अल्लाह तआला की खातिर अपने मोमिन भाई को खिलाने का सवाब.
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290.तीन मोमिन को खिलाने का सवाब.
| 1 Chapters |
291.मुसलमान को सेर होने तक खाना खिलाने का सवाब.
| 1 Chapters |
292.चार मुसलामानों को खाना खिला कर सेर करने का सवाब.
| 1 Chapters |
293.भूके मोमिन को खाना खिला कर सेर करने का सवाब.
| 1 Chapters |
294.मुसलमान को आज़ाद करने का सवाब.
| 1 Chapters |
295.अल्लाह तआला की खातिर किसी सालेह गुलाम को आज़ाद करने का सवाब.
| 1 Chapters |
296.मोमिन को आज़ाद करने का सवाब.
| 1 Chapters |
297.मोमिन को कर्ज देने का सवाब.
| 1 Chapters |
298.सदके का सवाब.
| 1 Chapters |
299.पोशीदा सदके का सवाब.
| 1 Chapters |
300.अलानिया सदक़े का सवाब.
| 1 Chapters |
301.रात के सदके का सवाब.
| 1 Chapters |
302.दिन के सदके का सवाब.
| 1 Chapters |
303.साऐल को अता करने वाले के लिये दुआ करना.
| 1 Chapters |
304.परेशान हाल को कर्ज की अदाऐगी के लिये मोहलत देने का सवाब.
| 1 Chapters |
305.मरहूम मोमिन का कर्जा मुआफ़ कर देने का सवाब.
| 1 Chapters |
306.अपने मुसलमान भाई की इज़्ज़त के मुतअल्लिक ना मुनासिब बात का अदा न करने का सवाब.
| 1 Chapters |
307.अपने मोमिन भाई की हाजत पूरी करने, मोमिन की परेशानी दूर करने, ज़ालिम के मुकाबिले में उस्की मदद करने, मोमिन की हाजत की खातिर कोशिश करने, प्यासे मोमिन की प्यास बुझाने, भूखे मोमीन को खाना खिलाने, बरहना मोमिन को लिबास पहनाने, अपनी सवारी पर मोमिन को बिठाने, मोमिन की किफालत करने, मोमिन को कफ़न देने, मोमिन से तर्वीज करने (रवाज देना इशाअत करना), मोमिन की बीमारी में उसकी अयादत करने का सवाब.
| 1 Chapters |
308.भाइयों की ज्यारत करने, उन से हाथ मिलाने और उनसे बगलगीर होने का सवाब.
| 1 Chapters |
309.मोमिन भाई की मदद करने का सवाब.
| 1 Chapters |
310.दो अफराद के दरमियान सुलह कराने का सवाब.
| 1 Chapters |
311.मुसलमान भाई की दादरसी (फरयाद पर पहुँचने का) करने का सवाब.
| 1 Chapters |
312.अपने मुसलमान भाई का किसी लफ्ज़ के ज़रिये इज़्ज़त करने का सवाब.
| 1 Chapters |
313.उस शख्स का सवाब कि जो मुसीबत जदा मोमिन की मुसीबत के मौके पर मदद को पहुचनें, और उसकी हाजत की तकमील में उस्की मदद करे.
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314.मोमिन की परेशानी को दूर करने का सवाब.
| 1 Chapters |
315.मोमिन को खुश करने का सवाब.
| 1 Chapters |
316.मोमिन के घर वालों को खुश करने का सवाब.
| 1 Chapters |
317.मोमिन भाई को खुश करने का सवाब.
| 1 Chapters |
318.मोमिन की ज़रूरत पूरी होने की मिकदार में सदका देने का सवाब.
| 1 Chapters |
319.मोमिन को मीठा लुक्मा पेश करने का सवाब.
| 1 Chapters |
320.अपने मोमिन भाई का जूठा पीने का सवाब.
| 1 Chapters |
321.अपने मोमिन भाई पर किसी चीज़ से लुत्फ़ करने का सवाब.
| 1 Chapters |
322.अल्लाह तबारक व तआला की राह में भाई बनाने का सवाब.
| 1 Chapters |
323.अपने मोमिन भाई से उस्को मसरूर करने वाली चीज़ के साथ मुलाक़ात करना, ताकी उसे खुश करे इस अमल का सवाब.
| 1 Chapters |
324.मुसलमान को तेल लगाने का सवाब.
| 1 Chapters |
325.अल्लाह तबारक व तआला की राह में आपस में मुहब्बत करने का सवाब.
| 1 Chapters |
326.वादी से गुजरते वक्त अल्लाह तआला का ज़िक्र करने का सवाब.
| 1 Chapters |
327.सोते वक्त सूरऐ फातिर की आयत नंबर 41.पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
328.अज़ान सुबह और मगरिब पर इस दुआ को पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
329.उस शख्स का सवाब जो अल्लाह से सवाल करे इस हालत में कि वह जानता हो कि अल्लाह ही ज़रर और नफ़ा पहूंचाने वाला है.
| 1 Chapters |
330.बिस्तर पर लेटते वक्त यह पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
331.अपने मुसलमान भाई के पीठ पीछे उस्के लिये दुआ करने का सवाब.
| 1 Chapters |
332.नबी (स.अ.व.) पर सलवात व सलाम और आप (स.अ.व.) से मुहब्बत करने का सवाब.
| 1 Chapters |
333.नबी (स.अ.व.) पर एक दुरूद पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
334.मोहम्मद (स.अ.व.) और आप (स.अ.व.) के अहलेबैत (अ.मु.स.) के हक़ में दुआ करने का सवाब.
| 1 Chapters |
335.नबी (स.अ.व.) पर सलवात का सवाब.
| 1 Chapters |
336.फज्र के बाद मोहम्मद (स.अ.व.) व आले मोहम्मद (स.अ.व.) पर सौ (100) मर्तबा सलवात भेजने का सवाब.
| 1 Chapters |
337.मोहम्मद (स.अ.व.) और आप (.स.अ.व.) के अहले बैत (अ.मु.स.) पर दुरूद भेजने का सवाब
| 1 Chapters |
338.जुमे के दिन नबी (स.अ.व.) पर सौ (100) दफा सलवात भेजनें का सवाब
| 1 Chapters |
339.नमाज़े सुबह और नमाज़े मगरिब के बाद यह दुआ पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
340.एक तिहाई निस्फ और पूरी सलवात पढ़ने.
| 1 Chapters |
341.नबी (स.अ.व) के साथ साथ आप (स.अ.व.) के अहलेबैत (अ.मु.स.) पर दुरूद भेजने का सवाब.
| 1 Chapters |
342.जुमआ के दिन नमाज़ के बाद नबी (स.अ.व.) और आले नबी (स.अ.व.) अव्सिया अल मर्जीयींन पर सलवात भेजने का सवाब.
| 1 Chapters |
343.दिन में सौ दफा رَبِّ صَلِّ عَليٰ مُحَمَّدٍ وَّ أَهْلِ بَيْتِهِ कहने का सवाब
| 1 Chapters |
344.बुलंद आवाज़ से सलवात पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
345.सुबह के बाद दस दफा और हर नमाज़ के बाद यह दुआ पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
346.मुहब्बत, खौफ, शहवत, और गुस्सा, के मौके पर नफ्स को काबू में रखने का सवाब.
| 1 Chapters |
347.अम्र बिल मारूफ और नहीं अनिल मुन्कर की मदद करने का सवाब.
| 1 Chapters |
348.जिसके सामने सूरऐ ज़ुमर का आखरी हिस्सा तिलावत किया जाऐ और उसे सुनकर रोऐ या रोने की शक्ल बनाऐ तो उस्का सवाब.
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349.इज्तेमाई दुआ करने का सवाब.
| 1 Chapters |
350.पुशीदा दुआ करने का सवाब.
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351.सहर के वक्त की दुआ का सवाब.
| 1 Chapters |
352.मोमेनीन व मोमेनात और मुस्लेमीन व मुस्लेमात केलिये दुआ करने का सवाब.
| 1 Chapters |
353.लाहौल पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
354.रोज़ाना लाहौल पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
355.घर से निकलते वक्त बिसमिल्लाह और लाहौल पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
356.शाम के वक्त सौ मर्तबा तकबीर पढ़ने का सवाब.
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357.तस्बीह ज़हरा (स.अ.) पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
358.खमोश रहने का सवाब.
| 1 Chapters |
359.अस्तग्फार करने का सवाब.
| 1 Chapters |
360.माहे शाबान में रोज़ाना सत्तर मर्तबा अस्तग्फार करने का सवाब.
| 1 Chapters |
361.नमाज़े फज्र के बाद सत्तर मर्तबा अस्ताग्फार करने का सवाब.
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362. हर मुआमिले से बचाव अल्लाह व रसूल की गवाही है, मुसीबत के वक्त इन्नालिल्लाह पढ़ना, खबर में इजाफे के वक्त अलहम्दुलिल्लाह कहने, गलती होजाने की सूरत में अस्तग्फेरुल्लाह कहने का सवाब.
| 1 Chapters |
363.तेज़तरीन फ़ाइदा वाला सवाब.
| 1 Chapters |
364.सुबह व शाम तीन तीन दफा यह पढ़ने का सवाब.
| 1 Chapters |
365.दुन्या में ज़ोहद अख्तियार करने का सवाब.
| 1 Chapters |
366.दिन के अव्वले वक्त में, आखिरे वक्त में, रात में और रात के आखिर वक्त में, नेकी अंजाम देने का सवाब.
| 1 Chapters |
367.इज़्ज़त व जलालत वाले अल्लाह के खौफ से रोने का सवाब.
| 1 Chapters |
368.अल्लाह तआला की रेज़ा की खातिर अपनी ख्वाहिश पर काबू करने का सवाब.
| 1 Chapters |
369.जिसका सुबह और शाम सब से बड़ा गम आखेरत हो उस्का सवाब.
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370.इह्सान करने का सवाब.
| 1 Chapters |
371.अल्लाह तआला की खातिर मुहब्बत और दुश्मनी करने, अता करने और मना करने का सवाब.
| 1 Chapters |
372.ऐसे मोमिन का सवाब जो गुनाहों के करीब जाये, फिर नादिम होकर अल्लाह तआला से तलबे मग्फेरत करे.
| 1 Chapters |
373.हालते मुसाफेरत में मरने वाले मोमिन का सवाब.
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374.मोमिन के लिये अच्छाई मुहय्या करने वाले काफ़िर का सवाब.
| 1 Chapters |
375.अपने मोमिन भाई की तरफ अच्छी चीज़ पहुँचाने का सवाब.
| 1 Chapters |
376.दूध देने वाली बकरी घर में रखने का सवाब.
| 1 Chapters |
377. नमाज़, ज़कात, नेकी, और सब्र का सवाब
| 1 Chapters |
378.अल्लाह तआला की खातिर आले मोहम्मद (स.अ.व.) से और उन्के दुश्मनों से दुश्मनी रखने का सवाब.
| 1 Chapters |
379.नमाज़े वित्र में मुसलसल एक साल तक सत्तर (70) दफा अल्लाह तआला से मग्फेरत करने का सवाब.
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380.अल्लाह तआला की खातिर मोमिन भाई को सलाम करने का सवाब.
| 1 Chapters |
381.बंदऐ मोमिन का सवाब जब वह सच्ची तौबा करे.
| 1 Chapters |
382.आहिस्ता कार और नर्म मिज़ाज शख्स का सवाब.
| 1 Chapters |
383.खौफे खुदा में गिरया, हराम शुदह कामों से बचने, और अपने आप को ज़ोहद से आरास्ता करने का सवाब.
| 1 Chapters |
384.मोमिन के साथ अच्छई करने का सवाब.
| 1 Chapters |
385.अलाह तआला से हुस्ने ज़न रखने का सवाब.
| 1 Chapters |
386.उस शख्स का सवाब जो अल्लाह तआला केलिये अपने नफ्स को खालिस करे.
| 1 Chapters |
387.अकीक़ की अँगूठी पहनने का सवाब.
| 1 Chapters |
388.फीरोज़े की अंगूठी पहनने का सवाब.
| 1 Chapters |
389.जुज़ऐ यमानी वाली अगूठी पहनने का सवाब.
| 1 Chapters |
390.ज़मुर्रद वाली अंगूठी पहनने का सवाब.
| 1 Chapters |
391.याकूत की अंगूठी पहनने का सवाब.
| 1 Chapters |
392.बलूर की अंगूठी पहनने का सवाब.
| 1 Chapters |
393.तवाजो आजज़ी करने का सवाब.
| 1 Chapters |
394.अल्लाह तआला के खौफ़ से रोने का सवाब.
| 1 Chapters |
395.शहवते हाज़ेरा (जो शहवत आचुकी हो) से उस (अज़ाब के) वादे की बिना पर बचने का सवाब कि जिसको उसने नहीं देखा.
| 1 Chapters |
396.अल्लाह तआला की खातिर आपस में एक दूसरे से मुहब्बत करने, मसाजिद की तामीर करने, और सहर के वक्त अस्ताग्फार करने का सवाब.
| 1 Chapters |
397.ऐसे शख्स का सवाब कि जिसकी निगाहे इबरत, जिसकी खामोशी गौर व फ़िक्र, जिसका कलाम ज़िक्र, जिन का रोना अपनी खताओं पर हो, और जिस के शर से लोग महफूज़ हों.
| 1 Chapters |
398.खामूश रहने और बैतुल्लाह की जानिब चलने का सवाब.
| 1 Chapters |
399.कमीस पर पैवंद लगाने, जूते सीने, और अपना सामान उठाने का सवाब.
| 1 Chapters |
400.सच्चाई का सवाब.
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401.नेकी और बुराई छुपाने वाले का सवाब.
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402.उस शख्स का सवाब कि जो कोई गुनाह करे और जानले कि अल्लाह तआला उसपर अज़ाब भी करसकता है और अल्लाह तआला उस्को मुआफ़ भी करसकता है.
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403.तौबा करने का सवाब.
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404.अपनी अगूंठी पर ما شاء الله لا قو ة إلا با الله استغفر الله लिखनें वाले का सवाब
| 1 Chapters |
405.फल या फल जैसी चीजों को देखकर उस्की ख्वाहिश करे मगर खरीदनी की कुदरत न रखता हो उस शख्स का सवाब.
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406.हलाल रोजी तलब करने का सवाब.
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407.लोगों की मुहताजी से बचने की खातिर तलबे दुन्या का सवाब.
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408.अच्छे अखलाक का सवाब.
| 1 Chapters |
409.उस्का सवाब जिसका गम व फ़िक्र आखेरत हो, पोशीदा मुआमेलात की इस्लाह करे, और अपने और अल्लाह के दरमियान के मुआमेलात की इस्लाह करे.
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410.लोगों के बजाए अपने नफ्स से बुग्ज़ रखने का सवाब.
| 1 Chapters |
411.अल्लाह तआला की नेमत पर उसकी हम्द करने का सवाब.
| 1 Chapters |
412.शुक्र के साथ खाने और आफियत में शुक्र करने का सवाब.
| 1 Chapters |
413.अच्छाई के साथ पहुँचाने का सवाब.
| 1 Chapters |
414.जो कुछ अल्लाह तआला के पास है उसमे रगबत रखने का सवाब.
| 1 Chapters |
415.ज़ुबान की हिफाज़त करने का सवाब.
| 1 Chapters |
416.फक्र व मुहताजी छुपाने का सवाब.
| 1 Chapters |
417.फोक़रा के साथ अच्छे तरीके से पेश आने का सवाब.
| 1 Chapters |
418.तर्के सवाल का सवाब.
| 1 Chapters |
419.मुसाफेहा करने का सवाब.
| 1 Chapters |
420.खाने पर अल्लाह तआला का नाम लेने का सवाब.
| 1 Chapters |
421.भूके को खाना खिला कर सेर करने का सवाब.
| 1 Chapters |
422.पानी से लज़्ज़त उठाने का सवाब.
| 1 Chapters |
423.जुमआ के दिन सदका देने का सवाब.
| 1 Chapters |
424.मजलूम और मुज़्तरिब की मदद करने का सवाब.
| 1 Chapters |
425.भाइयों से मुहब्बत करने का सवाब.
| 1 Chapters |
426.उस शख्स का सवाब जो अल्लाह की खातिर केनाअत करता है.
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427.मुसलमान की ज्यारत करने का सवाब.
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428.उस शख्स के लिये सवाब जो मकान बनाये तो उस वक्त एक मेंढे को ज़ब्ह करे और उस्का गोश्त मिसकीनों को खिलाऐ
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429.नेकी में मदद करने का सवाब.
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430.नफ़कह में कसद करने का सवाब.
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431.उस शक्स का सवाब जो सफर में निकले और साथ में असा, तल्ख़ बादाम रखता हो और इन आयात की तिलावत करे.
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432.अम्मामा बांध कर घर से निकलने का सवाब.
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433.उस शख्स का सवाब जिन के पास अहलेबैत (अ.मु.स) का ज़िक्र किया जाये और उसकी आँख से आंसू निकाल आएं.
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434.अहलेबैत (अ.मु.स.) से मुहब्बत करने का सवाब.
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435.मुसलमान की हाजत रवाई करने का सवाब.
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436.मोमिन भाई से मुसाफेहा करने का सवाब.
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437.उस शख्स का सवाब जिसे अल्लाह तआला कोई नेमत अता करे तो उसकी मारेफ़त हासिल करे और आवाज़ के साथ उस नेमत पर अल्लाह तआला की हम्द बजा लाऐ.
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438.चालीस से नव्वे साल तक पहुंचने वाले शख्स का सवाब.
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439.बड़ी उम्र के बूढ़े शख्स की फजीलत की मारेफ़त रखने वाले और उनकी ताजीम करने वाले का सवाब.
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440.इमामे आदिल के साथ राहे खुदा में हिबा करने का सवाब.
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441.(जेहाद के लिये) घोड़ा तय्यार रखने का सवाब.
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442.सवारी के मौके पर बिसमिल्लाह पढ़ने का सवाब.
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443.जानवर के सिलसिले में नादिर अहादीस.
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444.बुखार का सवाब.
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445.रात के बुखार का सवाब.
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446.उस शख्स का सवाब जो रात में बीमार हो और उस बीमारी को कबूल करते हुवे अल्लाह तआला का शुक्र अदा करे.
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447.बीमारी का सवाब.
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448.रात के दर्दे सर का सवाब
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449.मरीज़ का सवाब.
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450.बच्चे की बीमारी का सवाब.
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451.मरीज की अयादत, मय्यत को गुस्ल, तशीऐ जनाज़ा, और (उसके) लवाहेकींन से ताज़ियत करने का सवाब.
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452.जुमेरात के ज़वाल से जुमे के ज़वाल के दरमियान मरने वाले का सवाब.
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453.मय्यत को किबला रुख करने का सवाब.
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454.मय्यत को तलकीन करने का सवाब.
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455.मोमिन की मय्यत को गुस्ल देने का सवाब.
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456.अल्लाह तआला के पास की (अमानत के तौर पर मिली हुइ) अव्लाद शुमार करके उसे मुक़द्दम करने का सवाब.
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457.जनाजे को चारों तरफ से काधा देने का सवाब.
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458.अच्छा कफ़न देने का सवाब.
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459.मोमिन केलिये फेशारे कब्र का सवाब.
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460.अल्लाह तआला से गुनाहों से महफूज़, सवाब की उम्मीद और आले मोहम्मद (अ.मु.स.) की दोस्ती के साथ मिलने वाले शख्स का सवाब.
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461.मुसीबत के वक्त इन्नालिल्लाह व इन्नाइलयहे राजेऊन कहने का सवाब.
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462.सब्र करने का सवाब.
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463.ताज़ियत करने का सवाब.
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464.मोमिन की कब्र की ज्यारत करने का सवाब.
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465.यतीम के सर पर हाथ फेरने का सवाब.
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466.रोते हुवे यतीम को खामोश करने का सवाब.
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467.मोमिन के मरने के बाद का सवाब और मोमिन को खुश करने का सवाब.
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468.अव्लाद से मुहब्बत करने का सवाब.
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469.जो शख्स बाज़ार जाऐ और अपनी अव्लाद के लिये तोहफ़ा खरीद कर लाऐ उस्का सवाब, बेटी को खुश करने का सवाब, बेटे की ख्वाहिश पूरी करने का सवाब.
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470.बेटियों के बाप के सवाब.
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